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नाग पंचमी 2022 सावन में | Latest News 2022

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नाग पंचमी 2022 :- नाग पंचमी हर साल सावन के महीने में आती है पूर्णिमा को नाग पंचमी आती है अपने हिन्दू धर्म का मन्ना है की इसे दिन नाग देवता की पूजा करने का रिवाज है लोगो का ऐसा मैंने है की नाग की पूजा करने से संकर भगवन भी खुश होते है और आशीर्वाद देते है।

असल में अपने हिन्दू धर्म में नागो को एक अलग स्थान प्राप्त है नागो की पूजा करने के लिए नाग पंचमी का दिन एक बड़ा दिन माना जाता है नागो के पूजा के लिए सावन का महीना शुभ माना जाता है और नाग पचमी का शुभ मोहरत और इसे दिन की आप की क्या प्रकिरिया होनी चाइये।

नाग पंचमी का शुभ मुहर्त का समय

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  • नाग पंचमी की तिथि- 2 अगस्त, 2022 (सावन शुक्ल पंचमी) 
  • नाग पंचमी पूजा मुहू्र्त- सुबह 6 बजकर 5 मिनट से 8 बजकर 41 मिनट तक
  • पंचमी तिथि आरंभ- 2 अगस्त सुबह 5 बजकर 13 मिनट से
  • पंचमी तिथि समाप्त- 03 अगस्त को सुबह 5 बजकर 41 मिनट पर 

 

अपने हिन्दू धर्म का मन्ना है की नाग पंचमी के दिन उपवास रखना बहुत ही शुभ मन जाता है। इसी लिए हिन्दू लोग नाग देवता से परतना करते है और अपनी-अपनी मनोकामना मांगते है हमारे पूर्वजो से ये परम्परा चलती आई है।

की सावन के महीने में नाग पंचमी को नागो की पूजा होगी। इसी लिए हम सब नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करते है तथा हम अपने लिए कुछ न कुछ मांगते है जैसे -हमारे घर में सुख सन्ति व समृद्धि बानी रहे और हम तंब्बे के कलश से नाग देवता को मान कर जल अर्पित करना चाइये हमें कुछ मंत्रो का जप करना चाइये।

कुंडली में राहु-केतु का विनाश करि प्रभाव व समय चले तो

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धर्म का मन्ना है की नाग पंचमी के दिन सुई- धागा को काम में नहीं लेना चाइये तथा इसे परेज रखना चाइये। और हमें उसे दिन स्टील के बर्तन में ही खाना ,खाना चाइये और हमें उसे दिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाइये अगर आपके ज्योतिष व पंडित जी का मन्ना है।

की आप की कुंडली में राहु-केतु का विनाश करि प्रभाव व समय चले तो उसे दिन नाग देवता की पूजा जरूर करनी चाइये जैसे की मेने आप को बताया की नाग देवता को दूध या जल चढ़ाते समय पीतल के बर्तन का इस्तमाल करना चाइये ये कारण प्रभाव साली मन जाता है।

नाग देवता स्वरूप मानकर मन

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नाग पंचमी के दिन नागो को छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए. अगर नागो को दिखे भी तो उनको नाग देवता स्वरूप मानकर मन ही मन नमन करें जैसे हम लोग भगवन की पूजा करते है तो मन में ही जो भी परतना करनी चाइये और उन्हें जाने दें. नाग पंचमी के दिन नाग देवता को नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है. इससे नाग दोष लगता है।

नाग देवताओं के नाम आपको बता दू की 9 नाग होते थे ,कालिया, तक्षक अनंत, बासुकी, शेष, पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, हिन्दू धर्म में मन जाता है की हर दिन एक ही टाइम पे ये नाग देवता के मंतर का जप करे तो नाग देवता की हम पर बहुत ही किरपा होती है इसी लिए नाग देवता की पूजा की जाती है।

नाग देवता के मंतर
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सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः

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