Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि पर देश कर रहा है उन्हें नमन, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि| Latest News 2022
Atal Bihari Vajpayee: गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी की मुर्त्यु 16 अगस्त, 2018 को हुयी थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कामयाबी के शिखर पर ले जाने में इनका बहुत ही ज्यादा योगदान था।
Atal Bihari Vajpayee: हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की आज चौथी पुण्यतिथि पर हमारा पूरा देश उन्हें बहुत बहुत नमन कर रहा है। हमारे देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजघाट में उनके स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ पर जाकर उन्हें बहुत ही श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
और अटल बिहारी वाजपेयी की मुर्त्यु 16 अगस्त, 2018 को हुआ था। हमारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कामयाबी तक ले जाने में उनका बहुत ही ज्यादा योगदान रहा था। और नब्बे के दशक में वो अपनी पार्टी का सबसे खास और इम्पोर्टेन्ट चेहरा भी बन कर बहुत ही उभरे थे और तो और केंद्र में पहली बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार भी बनी थी।
प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी के कार्यकाल के टाइम देश में उदारी करण को भी बहुत ही बढ़ावा मिला था और बुनियादी ढांचे और विकास को गति भी मिली थी।
पहला चुनाव वर्ष 1957 में जीते
अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक माने जाते थे।वो 1968 से 1973 तक वो हमारे जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे थे। 1952 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव भी लड़े थे, लेकिन वो इस चुनाव में हार गए थे। और इसके बाद 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से जनसंघ प्रत्याशी के रूप में उन्होंनेचुनाव लड़ा और इसमें उन्होंने विजयी भी हासिल की।
इमरजेंसी के बाद आई मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक वो विदेश मंत्री भी रहे थे। साल 1980 में वो जनता पार्टी से अलग भी हो ग्युए थे फिर उन्होंने भाटिया जनता पार्टी की स्थापना में मदद की और बाद वो 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने थे।उसके बाद वो दो बार वो राज्यसभा के लिए भी चुने गए थे।
कब-कब बने देश के प्रधानमंत्री ?
साल 1996 में पहली बार अटल बिहारी जी देश के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन बहुमत ना होने के चलते उनकी सरकार ओनली 13 दिनों के बाद में ही गिर गई थे। उसके बाद साल 1998 में वो दोबारा पीएम भी बने थे, लेकिन, 13 महीने बाद 1999 की भी शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली सरकार दोबारा से ही गिर गई थी।
और फिर चुनाव हुए और 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी थी, जिसने सफलता पूर्वक पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया था, जो की अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पहली ही गैर कांग्रेसी सरकार भी थी।