hhh

Happy Krishna Janmashtami 2022:इस भक्त ने शुरू किया है हरे-कृष्ण आंदोलन,अमेरिका-यूरोप तक फैले हैं कृष्ण भक्त

Happy Kirshna Janmashtami: स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1 सितंबर 1896 को कोलकता में ही हुआ था। और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के संदेश को पहुंचाने के लिए इस्कॉन की भी स्थापना की। इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयार्क में ही की गई थी। और वहा पर दुनिया का सबसे पहला इस्कॉन मंदिर बनाया गया।

Krishna
Krishna

Happy Kirshna Janmashtami:पिछले साल भारत सरकार ने श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के शुभ अवसर पर, उनकी भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और समाज में योगदान को देखते हुए 125 रुपये का एक विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया था।

स्वामी प्रभुपाद इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस के संस्थापक थे और उन्हें दुनिया भर में भगवान कृष्ण के संदेश को पहुंचाने के लिए जाना जाता है। प्रभुपाद के इस्कॉन के रुप में शुरू किए गए प्रयास को हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में भी लोग जानते हैं। पूरी दुनिया में इस्कॉन के 500 केंद्र हैं और उसने गीता का 89 भाषाओं में अनुवाद किया है।

कौन हैं स्वामी प्रभुपाद

स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1 सितंबर 1896 को कोलकता में हुआ था। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के संदेश को पहुंचाने के लिए इस्कॉन की भी स्थापना की। ISKCON को International Society For Krishna Consciouness और अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ भी बोला जाता है। ISKCON की स्थापना 1966 में न्यूयार्क में की गई थी।

और वहीं पर दुनिया का पहला इस्कॉन मंदिर भी बनाया गया। इसे हरे कृष्ण आंदोलन भी बोला जाता है। स्वामी प्रभु प्रभुपाद का निधन 14 नवंबर 1977 को भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन में हुआ था।

दुनिया में 500 से ज्यादा केंद्र

इस्कॉन की वेबसाइट के हिसाब से, इस्कॉन गौड़ीय-वैष्णव संप्रदाय से भी संबंधित है। जो वैदिक या हिंदू संस्कृति के भीतर एकेश्वरवादी परंपरा भी है। ये भगवद गीता और भगवत पुराण, या श्रीमद भागवत पर भी आधारित है।

Krishna
Krishna

भक्ति योग परंपरा के इन धर्मिक ग्रंथ की शिक्षा है करि सभी जीवित प्राणियों के लिए लास्ट लक्ष्य भगवान, या भगवान कृष्ण है के लिए अपने प्यार को भी दुबारा से जगाना है। इस्कॉन भक्त महा-मंत्र के रूप में भगवान के नामों का जाप भी करते हैं। और वो ये प्रार्थना करते हैं..

इस्कॉन के सारी दुनिया भर में 500 से भी ज्यादा केंद्र हैं।

साल1967 में, भारत के बाहर पहला रथ-यात्रा महा उत्सव अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में परसुत किया गया था।
साल 1969 से 1973 के समय यूरोप, कनाडा, दक्षिण अमेरिका, मैक्सिको, अफ्रीका और भारत में इस्कॉन के मंदिर भी खोले गए।
और बैंगलोर में बना इस्कॉन मंदिर, और ये दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर माना जाता है।

ये भी पड़े –

Read Also – Shamshera OTT Release: ओटीटी पर रिलीज हुई रणबीर की ‘शमशेरा’, जो थ‍िएटर में नहीं गए देखने, अब घर बैठे लेंगे मजा | Latest News 2022

Happy Krishna Janmashtami 2022 Status कृष्ण जन्माष्टमी Wishes in Hindi, Images, Quotes