Mother Teresa Birth Anniversary: मानव कल्याण में बिताया पूरा जीवन, मां से मिली मदद की सीख | Latest News 2022
Mother Teresa Birth Anniversary: मदर टेरेसा ने अपने बचपन में ही भारत में आकर गरीबों की सेवा करने का पूरा मन बना लिया था. इसके लिए उन्होंने अल्बानिया से आयरलैंड जाकर प्रशिक्षण लिया था और वो ओनली 19 साल की उम्र में ही भारत आईं।
Mother Teresa Birth Anniversary: शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा का आज (26 अगस्त) हमारा पूरा देश जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहा है. मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन बेसहारा, गरीबों, लाचारों और मानवता की सेवा में ही समर्पित कर दिया था. वो एक कैथोलिक नन भी थीं, जिन्होंने साल 1948 में भारत की नागरिकता ली थी. साल 1980 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी उनको सम्मानित किया गया था. अपनी छोटी सी उम्र से ही मदर टेरेसा ने लोगों की सेवा करने का अपने ऊपर पूरा जिम्मा भी उठा लिया था।
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को हुआ था, इनका पूरा नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू था. और इनके पिता एक व्यवसायी थे, जो की बहुत ही धार्मिक स्वभाव के थे, वो हमेशा अपने घर के पास वाले चर्च में जाया करते थे, और येशु के अनुयायी थे. उनके पिता की मौत साल 1919 में ही हो गई थी।
उसके बाद मदर टेरेसा की परवरिश उनकी मां ने ही की थी. पिता की मोत के बाद मदर टेरेसा के परिवार को आर्थिक परेशानी से भी गुजरना पड़ा था. लेकिन उनकी मां ने उन्हें हमेशा मिल बांट कर खाने की शिक्षा दी थी. उनकी मां का मानना था, जो कुछ भी मिले उसे सबके साथ बांट कर ही खाओ. अपनी मां की इन्ही बातों की वजह से मानवता बचपन से ही उनके अंदर आ गई थी।
मदर टेरेसा से जुड़ी कुछ खास बात
- मदर टेरेसा 1929 में भारत आईं और दार्जिलिंग के सेंट टेरेसा स्कूल में उन्होंने अपनी पढ़ाई की थी।
- 24 मई 1931 को अपनी पहली धार्मिक प्रतिज्ञा ली थी. उनके द्वारा स्थापित संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज 123 देशों में एक्टिव हैं. इसमें कुल 4,500 सिस्टर भी हैं।
- 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों की सेवा का संकल्प भी लिया था।
- 1950 में टेरेसा ने निस्वार्थ सेवा के लिए कोलकाता में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना भी की थी।
- उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार, भारत रत्न, टेम्पटन प्राइज, ऑर्डर मेरिट और पद्म श्री से भी नवाजा गया।
- 2016 में, उन्हें सेंट पीटर स्क्वायर में पोप फ्रांसिस द्वारा ‘संत’ घोषित भी किया गया था।
- वो अपनी मृत्यु (05 सितंबर 1997) तक कोलकाता में ही रही थी और आज भी उनकी संस्था गरीबों के लिए वैसा ही काम कर रही है। ये सेंट की उपाधि पाने वाली पहली भारतीय महिला भी थी।
– मदर टेरेसा को वर्ष 1962 में रेमॉन मैग्सेस शांति पुरस्कार भी दिया गया था।
– इनको वर्ष 1979 में नोबल शांति पुरस्कार भी दिया गया था।
– इनको वर्ष 1980 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
– मदर टेरेसा को 4 सितंबर 2016 को सेंट की उपाधि भी दी गई।
– सेंट की उपाधि पाने वाली मदर टेरेसा भारत की पहली महिला थीं।
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