आज आदिवासी अपनी क्षमता, ज्ञान, न्‍याय, बुद्धि के बल पर सर्वाच्‍च अपना परचम भी लहरा रहा हैं चाहे वो अंतरिक्ष हो वायु, थल, जल सारे क्षेत्र में अपनी सेवा प्रदान भी कर रहा है।

इस आधुनिकता की वजह से आदिवासियों को मुख्‍य धारा में लाने की भी बात कही जाती है। आदिवासी बहुत पिछड़ा हुआ है ऐसा बता कर उनको आधुनिक और सभ्‍य बनाने के नाम पर उनकी बोली भाषाओं का भी नामोनिशान मिट गया है।