2014 से 2019 तक अपने 5 साल के कार्यकाल में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 186 देशों में फंसे 90 हजार से ज्यादा भारतीय लोगो की मदद की. बीते कुछ महीने पहले जब यूक्रेन और रूस के बीच जंग छिड़ी तो भी वहां फंसे भारतीयों को सुषमा स्वराज ही याद आईं।

उन्होंने अपनी कूटनीति से सऊदी अरब को जंग रोकने के लिए राजी भी कर दिया है. उनकी पहल के बाद जंग रुकी. हालात सामान्य हुए और वहां पर फंसे 5 हजार से ज्यादा भारतीयों की वतन वापसी भी हुई. इसे ऑपरेशन राहत का नाम भी दिया गया था।

पिछले कुछ महीने पहले जब यूक्रेन और रूस के बीच जंग छिड़ी तो भी वहां पर फंसे भारतीयों को सुषमा स्वराज ही याद आईं. उन्होंने लिखा, कैसे वो एक ट्वीट पर विदेश में फंसे भारतीय को लाने के लिए विमान भी भेज देती थीं।

पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने विदेश मंत्री पद पर रहते हुए देश और दुनिया का दिल भी जीत लिया था ,और सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने संकट में फंसे प्रवासी भारतीयों को मदद पहुंचाकर मानवता का अपना फर्ज भी अदा किया।

2015 में यमन में यमन में सऊदी गठ बंधन सेना और हूती विद्रोहियों के बीच भी जंग चल रही थी.इस टाइम यमन में बहुत भारतीय कामगार फंस गए थे. उन्होंने सुषमा स्वराज से मदद की गुहार भी लगाई. जंग के बीच किसी भी देश के विमान के लिए वहां पहुंचना बिलकुल भी संभव नहीं था